Understanding Kaal Sarp Yog: How Does it Impact Your Life?
- Namaskar Astro by Acharya Rao
- Mar 7
- 2 min read
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में कई सारे योग होते है। इन्ही में से एक योग होता है जिसे काल सर्प योग अथवा काल सर्प दोष कहा जाता है। इस दोष का नाम सुनकर ही लोगों के अंदर सिहरन पैदा हो जाती है। इस दोष के दुष्प्रभाव से मनुष्य के जीवन में अनेकों परेशानियों का आगमन हो जाता है। आईये जानते है कि इस दोष कि वजह से किस प्रकार कि कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

क्या है काल सर्प योग
कालसर्प योग दो शब्दों को मिलाकर बना है। इसमें पहला शब्द है काल, यानि मृत्यु और दूसरा शब्द है – सर्प, जिसका तात्पर्य सांप से है। अगर किसी जातक की जन्म कुंडली में यह दोष पाया जाता है तो इसका मतलब उस व्यक्ति की राशि में राहु केतु सर्प की भांति निवास कर रहे हैं। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार राहु को सर्प का मुख भी माना जाता है, जबकि केतु को सर्प का बाकि बचा हुआ सम्पूर्ण शरीर माना जाता है।
कुंडली में कालसर्प योग के प्रभाव.
कुंडली में कालसर्प योग के प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक कष्ट सहना पड़ता है। इसके साथ ही कई तरह की परेशानियां जातकों को सहना पड़ता है।इस दोष से प्रभावित व्यक्ति को नींद में भी सर्प के सपने बार-बार दिखाई देते हैं, अथवा अपनी या प्रियजन की मृत्यु के सपने भी आते रहते हैं।
कैसे बनता है काल सर्प योग
व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब राहु-केतु एक दूसरे के सामने आ जाते हैं और बाकि के सारे ग्रह एक तरफ रहते हैं, तो यह कालसर्प योग कहा जाता है।अगर कुंडली के भावों में सारे ग्रह दाहिनी दिशा में निवास करते हों तो यह कालसर्प योग ज्यादा नुकसानदायक नहीं होता। लेकिन जब सारे ग्रह बाईं दिशा की ओर रहें तो यह मनुष्य के जीवन में बेहद नुकसानदायक सिद्ध होता है। कालसर्प दोष के 12 प्रकार बताए गए हैं। अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कर्कोटक, शंखनाद, घातक, विषाक्त और शेषनाग।
काल सर्प योग के लक्षण
आपका दांपत्य जीवन में संकट आ सकता है. यहाँ तक की अलगाव की स्तिथि भी उत्पन्न हो सकती है।
संतान हानि का योग भी यह दोष पैदा करता है अथवा बच्चे को कोई रोग घेर सकता है।
आपके अपने प्रियजन से दूरी या उन्हें त्यागना पड़ सकता है।
परिवार में किसी प्रियजन की अकाल मृत्यु हो सकती है।
आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
संपत्ति का बेवजह नुकसान सहना पड़ सकता है।
नौकरी या व्यवसाय में भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बार-बार कोर्ट- कचहरी जाना पड़ सकता है।
आपको अपने शत्रुओं से निरंतर कोई न कोई भय बना रहेगा।
मानसिक और शारीरिक कष्ट बना रहेगा।
भाई- बहनों की तरफ से भी किसी धोखे के सम्भावना बनी रहेगी।
NOTE :- यह दी गई जानकारी सिर्फ जागरूकता के लिए दी गई है , कृपया आगे बढ़ने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से संपर्क जरूर करे।
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