The Influence of Astrology on Understanding Depression: What You Need to Know
- Namaskar Astro by Acharya Rao
- Feb 12
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मनुष्य की हार जीत उसके मन की दुर्बलता सबलता पर निर्भर है। जिसका मन हार जाता है, वह बहुत कुछ होने पर भी हार जाता है। मनुष्य की वास्तविक शक्ति मनोबल ही है। जीवन में पल-पल परिस्थितियां बदलती रहती हैं और हम जीवन की सभी घटनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सकते, पर उनसे निपटने के लिए सकारात्मक सोच के साथ सही तरीका तो अपना ही सकते हैं।

प्रत्येक व्यक्ति समय-समय पर सीमित अवधि के लिए उदासी का अनुभव करता है। लेकिन जब लंबे समय तक लगातार नकारात्मक सोच, तनाव, चिंता, घबराहट और बेचैनी जैसे लक्षण सामने आने लगें तो यह डिप्रेशन हो सकता है। व्यक्ति चारो तरफ लोगों से घिरा होने के बावजूद खुद को अकेला, निराश महसूस करता है। हमारे डिप्रेशन की वजह चाहें जो भी हो लेकिन डिप्रेशन के बढ़ते असर को कंट्रोल करना हमारे अपने हाथ में होता है।
ज्योतिष शास्त्र से जानिए क्या है डिप्रेशन के ज्योतिषीय कारण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी जातक की जन्मकुंडली या हथेली को देखकर यह आसानी से जाना जा सकता है कि वह डिप्रेशन का शिकार है या नहीं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार डिप्रेशन में सबसे बड़ी भूमिका चंद्रमा और बुध की होती है।
चन्द्रमा मन का कारक होने के साथ–साथ बड़ा सौम्य एवं नाजुक ग्रह भी है और चन्द्रमा सभी ग्रहों में से हमारी पृथ्वी के सबसे नजदीक है और बुध गृह बुद्धि का कारक है और बुद्धि मन पर काबू कर लेती है इसीलिए डिप्रेशन को कम या ज्यादा करने में भी बुध की बड़ी भूमिका होती है। कुंडली का पहला भाव व्यक्ति के मन और मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं हथेली पर स्थित चंद्र पर्वत मन का प्रतिनिधित्व करता है।
कुंडली मे वे कौन-सी ग्रह स्थितियां होती हैं, जो व्यक्ति को डिप्रेशन का शिकार बनती है
कुंडली में यदि लग्नेश अशुभ भावों में स्थित हो या नीच राशि में हो।
कुंडली में यदि चन्द्रमा अशुभ भाव में हो या नीच राशि में हों।
कुंडली में लग्न, लग्नेश या चन्द्र पर राहु या शनि का प्रभाव हो।
कुंडली में शनि चंद्रमा की युति हो या पाप ग्रहों के घर में बैठा हो।
कुंडली में यदि चंद्रमा सूर्य के करीबी भाव में हो।
हस्तरेखा शास्त्र मे डिप्रेशन के लक्षण
मस्तिष्क रेखा पर द्वीप, क्रॉस जैसे अशुभ चिह्न स्थित हों।
मस्तिष्क रेखा यदि कई स्थानों से कटी-फटी दिखती हों।
मस्तिष्क रेखा पीड़ित हो और चंद्र पर्वत तक जाती हो।
मस्तिष्क रेखा को कई सारी रेखाएं शनि पर्वत के नीचे से काट रही हों।
ये सभी ग्रह स्थितियां व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। ऐसी ग्रह स्थितियों वाले जातक अपने जीवन में थोड़ी-सी परेशानी आने पर भी डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। डिप्रेशन को दूर करने के लिए व्यायाम करें, अपने प्रियजनों से खुलकर अपनी समस्याओं को साझा करें, कुंडली में पीड़ित चन्द्रमा व कमजोर लग्नेश के उपाय के लिए किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लें व खुद को सकारात्मक बनाएं और प्रोत्साहित करें।
Note :- यहां दी गई जानकारी सिर्फ जागरूकता के लिए दी गई है , कृपया आगे बढ़ने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से संपर्क जरूर करे।
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