The Astrological Influence of Planets, Dosh, and Houses on Love Breakups
- Namaskar Astro by Acharya Rao
- Feb 12
- 4 min read
ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति अपनी कुंडली में उपस्थित विभिन्न ग्रहों से अपने जीवन के बारें में जान सकता है। यह ग्रह जातक के जीवन, भावना, सोच और व्यवहार पर विभिन्न प्रभाव डालते हैं। इसी तरह, ज्योतिष विज्ञान में बताया जाता है कि कुछ ग्रह या योग जो व्यक्ति के जीवन में दृश्यमान होते हैं, वह जातक के प्रेम संबंधों में ब्रेकअप का कारण बन सकते हैं। इस विषय में बात करते हुए, ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्र और शनि इस मामले में अहम भूमिका निभाते हैं। शुक्र वह ग्रह है जो प्रेम, सौंदर्य और रोमांस को नियंत्रित करता है जबकि शनि वह ग्रह है जो जिम्मेदार होता है उस परिणाम के लिए जो व्यक्ति की कार्यशीलता, जिम्मेदारी और व्यवहार के साथ संबंधित हैं। इन ग्रहों के स्थान और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि किस तरह प्रेम संबंधों में ब्रेकअप होने की संभावना होती है।

प्रेम संबंधों में ब्रेकअप के लिए जिम्मेदार ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का अधिक महत्व होता है, जो व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रभाव डालते हैं। यह ग्रह जातक को न केवल व्यक्तिगत विकास में मदद करते हैं बल्कि वे भावनात्मक और रोमांचक क्षेत्रों में भी प्रभाव डालते हैं। जब बात ब्रेकअप की आती है, तो इसके लिए कुछ ग्रह जिम्मेदार होते हैः
शनि ग्रह: शनि एक ऐसा ग्रह है, जो ब्रेकअप का कारण बनता है। यह ग्रह अकेलेपन, दुख, असंतुष्टि और निराशा को बढ़ाता है। जब शनि व्यक्ति की कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो इसके कारण प्रेम संबंधों में ब्रेकअप, विवाह में देरी या फिर जातक को अकेलापन महसूस होता हैं, जिसके कारण व्यक्ति अपने साथी से दूर रहने लगता है।
राहु ग्रह: राहु एक छाया ग्रह है, जो व्यक्ति के जीवन में परेशानी उत्पन्न करता है। जब राहु व्यक्ति की कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो जातक अपने साथी की भावनाओं और इच्छाओं को नजरअंदाज करने लगते हैं और अपने साथी से दूर हो जाते है। जातक की जन्मकुंडली में राहु की अशुभ स्थिति व्यक्ति के संबंधों में आत्मविश्वास कम कर देती है, जिससे ब्रेकअप की संभावना बढ़ जाती है।
केतु ग्रह: केतु एक अदृश्य ग्रह है, जो व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव लाता है। साथ ही जातक की कुंडली में केतु की उपस्थिति रिश्तों में भ्रम पैदा कर सकती है। कुंडली में केतु ग्रह के स्थित होने से व्यक्ति का अपने रिश्ते पर विश्वास कम हो जाता है, जो उन्हें उनके साथी से अलग कर देता हैं।
सूर्य ग्रह: जब सूर्य ग्रह जातक की कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो प्रेम संबंधों में ब्रेकअप हो सकता है। साथ ही सूर्य की अशुभ स्थिति जातक के रिश्तों को भी प्रभावित कर सकती है।
इन दोषों के कारण प्रेम संबंधों में होती हैं परेशानी?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में कुछ दोष होने के कारण प्रेम संबंधों में परेशानी हो सकती हैं, जो इस प्रकार है:
मांगलिक दोष: मांगलिक दोष एक ऐसा दोष है, जो जातक की कुंडली में मंगल ग्रह के कुछ विशेष स्थानों पर स्थित होने से उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण प्रेम संबंधों में विवाह के लिए परेशानी उत्पन्न हो सकती हैं।
शनि साढ़े साती: शनि की साढ़े साती का समय जातक के लिए काफी कष्टकारी माना जाता है, जो कुंडली में शनि ग्रह द्वारा उत्पन्न होता है। यह दोष जातक के जीवन में कुछ वर्षों के लिए उत्पन्न हो सकता है और इस दौरान जातक को प्रेम संबंधों में संघर्ष करना पड़ सकता है।
कालसर्प दोष: कालसर्प एक ऐसा दोष है, जो कुंडली में राहु और केतु ग्रहों द्वारा उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण जातक के प्रेम संबंधों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ग्रहों की दृष्टि: ग्रहों की दृष्टि के कारण भी जातक को प्रेम संंबंधों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके कारण जातक के प्रेम संबंधों में विघ्न आ सकता है।
प्रेम संबंधों में ब्रेकअप के लिए जिम्मेदार भाव
जब किसी जातक के जीवन में उनके साथी से दूर होने की स्थिति उत्पन्न होती है, तो यह उनके लिए अशांति भरा समय होता है। इस स्थिति का सामना करना आसान नहीं होता है और जब इसे ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखा जाता है, तो कुछ भावों का प्रभाव भी इस स्थिति पर प्रभाव पड़ता है। यहां कुछ ऐसे भाव हैं, जो ब्रेकअप की संभावना को बढ़ाते हैं:
सप्तम भाव: सप्तम भाव संबंधों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस भाव में स्थित ग्रहों के दुष्प्रभाव से व्यक्ति का साथी के साथ मतभेद या ब्रेकअप होने की संभावना बढ़ जाती है।
दूसरा भाव: दूसरा भाव व्यक्ति की संपत्ति और आय से संबंधित होता है। इस भाव में स्थित ग्रहों के दुष्प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति खराब होने से उसके साथी से मतभेद या ब्रेकअप हो सकता है।
आठवां भाव: आठवें भाव में स्थित ग्रह व्यक्ति के जीवन की समस्याओं से संबंधित होते हैं। इस भाव में स्थित ग्रहों के दुष्प्रभाव से व्यक्ति का उसके साथी के साथ संघर्ष हो सकता है, जो उनके ब्रेकअप का कारण बन सकता है।
पांचवा भावः अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव का स्वामी अष्टम भाव में नीच राशि में होता है, तो व्यक्ति को धोखा मिल सकता है या ब्रेकअप हो सकता है।
Note:- यहां दी गई जानकारी सिर्फ जागरूकता के लिए दी गई है , कृपया आगे बढ़ने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से संपर्क जरूर करे.
Namaskar Astro से जुड़े और Acharya Sunita Rao से अपने जीवन की हर समस्या का समाधान पाइए।
Comments